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गोरखपुर

मनकक्ष दूर करेगा आत्महत्या के विचार, मोबाइल की लत से भी मिलेगा छुटकारा

मानसिक अवसाद से ग्रसित मरीजों के लिए यह जगह है सबसे मुफीद
हेल्पलाइन नंबर पर भी सलाह ले सकते हैं इन बातों संबंधित

गोरखपुरOct 15, 2019 / 03:22 am

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

मनकक्ष दूर करेगा आत्महत्या के विचार, मोबाइल की लत से भी मिलेगा छुटकारा

मनकक्ष दूर करेगा आत्महत्या के विचार, मोबाइल की लत से भी मिलेगा छुटकारा

मानसिक अवसाद (Depression) से ग्रसित मरीजों को आत्मघाती कदम उठाने से रोकने के लिए अब मनकक्ष काम आएगा। यहां अवसाद से ग्रसित लोग नैदानिक मनोवैज्ञानिक(Psychological treatment) से अपने दिल की बात खुल(talk openly) कर करेंगे और अपनी समस्या का समाधान भी पाएंगे।
सीएमओ(CMO)ने बताया कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम है ‘’आईये मिल कर आत्महत्या को रोकें।‘’ आत्महत्या की रोकथाम और मोबाइल एडिक्शन पर नियंत्रण में मनकक्ष की अहम भूमिका होगी। जिला अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लाक के कक्ष संख्या 49 में परामर्शदाता मनोचिकित्सक डा. अमित कुमार शाही, कक्ष संख्या 50 में नैदानिक मनोवैज्ञानिक रमेंद्र कुमार त्रिपाठी और कक्ष संख्या 51 में मनोरोगी सामाजिक कार्यकर्ता संजीव कुमार, साइकाट्रिक नर्स विष्णु शर्मा और कम्युनिटी नर्स प्रदीप वर्मा प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सेवाएं देंगे।
परामर्शदाता मनोचिकित्सक डा. अमित कुमार शाही ने बताया कि विश्व में 8 लाख में से 1 व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। एक आत्महत्या के पीछे 25 प्रयास होते हैं। पुरुषों में आत्महत्या की दर महिलाओं की तुलना में डेढ गुना ज्यादा है। हर 40 सेकेंड में एक आत्महत्या हो रही है। मनकक्ष लोगों के मन से अवसाद दूर कर आत्महत्या रोकने में कारगर होगा।
नैदानिक मनोवैज्ञानिक रमेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मनकक्ष में परामर्शदाता मनोचिकित्सक द्वारा भेजे गए मरीज आएंगे। आवश्यकता पड़ने पर अवसादग्रसित व्यक्ति सीधे मनकक्ष में आ सकता है। हम ऐसे मरीजों को उचित परामर्श देंगे। हेल्पलाइन नंबर के जरिए भी मरीजों की काउंसिलिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि कम नींद आना, ज्यादा सोना, उलझन, घबराहट, हीन भावना, जिंदगी के प्रति नकारात्मक सोच, एक ही विचार मन में बार-बार आना, एक ही कार्य को बार-बार करने की इच्छा होना, डर लगना, अनावश्यक शक होना, कानों में आवाज आना मानसिक रोग के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण दिखने पर फौरन चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
इस हेल्पलाइन नंबर पर भी ले सकते हैं परामर्श

जिला अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लाक में मनकक्ष का शुभारंभ कर दिया गया है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में कमरा संख्या 50 में मनकक्ष चलेगा तो अवसाद ग्रसित रोगियों की ओपीडी भी न्यू ब्लाक के ही कमरा संख्या 49 और 51 में चलेगी। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 9336929266 भी जारी किया गया है जिस पर सोमवार से शनिवार तक सुबह 8.00 बजे से अपराह्न 2.00 बजे तक मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान पाया जा सकेगा।
23 हजार से ज्यादा मानसिक रोगी
मानसिक रोग कार्यक्रम के तहत ओपीडी और जिले भर में आयोजित शिविरों से एक वर्ष के भीतर करीब 23 हजार मानसिक रोगी चिन्हित किए गए हैं जिनमें से करीब 10 हजार ठीक हो चुके हैं और उनका फालो अप चल रहा है। मोबाइल की लत भी मानसिक रोग की श्रेणी में माना जा रहा है। ऐसे रोगियों का भी इलाज इस कार्यक्रम के तहत किया जाएगा जो इस लत से ग्रसित हैं।
यहां भी होता है मानसिक रोगियों का इलाज
प्रत्येक महीने के पहले मंगलवार को सरदारनगर, दूसरे मंगलवार को गोला, तीसरे मंगलवार को बांसगांव और चैथे मंगलवार को पाली में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी शिविर लगता है। इसके अलावा प्रत्येक महीने के पहले गुरुवार को डेरवा, दूसरे गुरुवार को पिपराईच, तीसरे गुरुवार को ब्रह्मपुर और चैथे गुरुवार को गगहा में शिविर लगा कर मानसिक रोगियों का इलाज किया जाता है। प्रत्येक शनिवार को जेल, सेल्टर होम, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, स्कूल, चयनित स्लम क्षेत्र या कार्यस्थल (इनमें से किसी एक स्थान पर) पर शिविर लगा कर काउंसिलिंग सत्र चलाया जाता है और मानसिक रोगियों को चिन्ह्त कर उनका इलाज किया जाता है।

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